पूजे कई देवता मैंने तब तुमको था पाया |
क्यों कहते हो बेटी को धन है पराया |
यह तो है माँ की ममता की है छाया |
जो नारी के मन आत्मा व शारीर में है समाया ||
मैं पूछती हू उन हत्यारे लोगों से |
क्यों तुम्हारे मन में यह ज़हर है समाया |
बेटी तो है माँ का ही साया |
क्यों अब तक कोई समझ न पाया |
क्या नहीं सुनाई देती तुम्हे उस अजन्मी बेटी की आवाज़ |
जो कराह रही तुम्हारे ही अंदर बार-बार |
मत छीनो उसके जीने का अधिकार |
आने दो उसको भी जग में लेने दो आकार |
भ्रूण हत्या तो ब्रम्ह्त्या होती है |
उसकी भी कानूनी सजा होती है |
यहाँ नहीं तो वहाँ देना होगा हिसाब |
जुड़ेगा यह भी तुम्हारे पापों के साथ ||
अजन्मी बेटी की सुन पुकार |
माता ने की उसके जीवन की गुहार |
तब मिल बैठ सबने किया विचार |
आने दो बेटी को जीवन में लेकर आकार |
तभी ज्योतिषों ने बतलाया |
बेटी के भाग्य का पिटारा खुलवाया |
यह बेटी करेगी परिवार का रक्षण |
दे दो इस बार बेटी के भ्रूण को आरक्षण |
क्यों कहते हो बेटी को धन है पराया |
यह तो है माँ की ममता की है छाया |
जो नारी के मन आत्मा व शारीर में है समाया ||
मैं पूछती हू उन हत्यारे लोगों से |
क्यों तुम्हारे मन में यह ज़हर है समाया |
बेटी तो है माँ का ही साया |
क्यों अब तक कोई समझ न पाया |
क्या नहीं सुनाई देती तुम्हे उस अजन्मी बेटी की आवाज़ |
जो कराह रही तुम्हारे ही अंदर बार-बार |
मत छीनो उसके जीने का अधिकार |
आने दो उसको भी जग में लेने दो आकार |
भ्रूण हत्या तो ब्रम्ह्त्या होती है |
उसकी भी कानूनी सजा होती है |
यहाँ नहीं तो वहाँ देना होगा हिसाब |
जुड़ेगा यह भी तुम्हारे पापों के साथ ||
अजन्मी बेटी की सुन पुकार |
माता ने की उसके जीवन की गुहार |
तब मिल बैठ सबने किया विचार |
आने दो बेटी को जीवन में लेकर आकार |
तभी ज्योतिषों ने बतलाया |
बेटी के भाग्य का पिटारा खुलवाया |
यह बेटी करेगी परिवार का रक्षण |
दे दो इस बार बेटी के भ्रूण को आरक्षण |
Aapne sahi tathyon pr roshni daali Savitri ji..saadar naman aapki rachna ko..! Samajik muuddon pr main bhi kai bar likh chuka hun..achha laga padhkar..!
जवाब देंहटाएंati uttam.....
जवाब देंहटाएंplz visit here also..
anandkriti
anandkriti007.blogspot.com
सामजिक सरोकार से जुडी अच्छी रचना।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना आपको अच्छी लगी , धन्यवाद |
हटाएंबहुत ही भावपूर्ण मार्मिक रचना,आभार।
जवाब देंहटाएंआप अपने कमेंट से वर्ड वेरिफिकेसन को हटा लें, पाठको को कमेंट करने में आसानी होगी।
धन्यवाद | अच्छा सुझाव है |
हटाएंभावपूर्ण मार्मिक रचना,
जवाब देंहटाएंआपका धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंआपका धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंbahut sarthak bhavabhivyakti .badhai
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