शनिवार, 2 अगस्त 2014

तीज

                         
                                                                                         

आओ सखी तीज मनाएं  ,अपने घर आँगन ख़ुशियों से महकाएं |
मधुर मधुर गीत गा कर मन को बहलाए |
तीज माता से सुख सम्पत्ति व सौभाग्य  का आशीर्वाद पाएं |
तीज का आता है मनभावन त्यौहार |
रमणियाँ करती है नख से शिख तक सोलह श्रृंगार |
डोलती रहती है अपने अपने घर द्वार |
प्रिय संग झूला झूलती पेंग बढ़ाती चाहती अपना सुखी संसार |
सावन की पड़ती जब पहली पहली रिम झिम  फुआर |
मन आँगन में छा जाता ख़ुशियों का अम्बार |
मन में उठती मस्त बयार जब आता सावन का तीज त्यौहार |
चारों ओर खिले रहते है फूल हरसिंगार |
सुंगंधित होते है जिससे सबके घरद्वार |
हर घर में होतीहै  घेवरोंकी ज्योनार |
खा कर ख़ुशी मानते है सारे परिवार |
महिलाये मेहँदी रचाती है निज हाथ |
चूड़ियों की सुनी जाती है झंकार |
श्रावण मास का यह प्रथम त्यौहार|
ख़ुशियों का लता है पारावार |
तीज में गौरी माता पूजी जाती है हर घर द्वार

देती है सबको आशीर्वाद भरती है सबके भण्डार |       

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