आओ सखी तीज
मनाएं ,अपने घर आँगन ख़ुशियों से महकाएं |
मधुर मधुर गीत गा
कर मन को बहलाए |
तीज माता से सुख
सम्पत्ति व सौभाग्य का आशीर्वाद पाएं |
तीज का आता है
मनभावन त्यौहार |
रमणियाँ करती है
नख से शिख तक सोलह श्रृंगार |
डोलती रहती है
अपने अपने घर द्वार |
प्रिय संग झूला
झूलती पेंग बढ़ाती चाहती अपना सुखी संसार |
सावन की पड़ती जब
पहली पहली रिम झिम फुआर |
मन आँगन में छा
जाता ख़ुशियों का अम्बार |
मन में उठती मस्त
बयार जब आता सावन का तीज त्यौहार |
चारों ओर खिले
रहते है फूल हरसिंगार |
सुंगंधित होते है
जिससे सबके घरद्वार |
हर घर में
होतीहै घेवरोंकी ज्योनार |
खा कर ख़ुशी मानते
है सारे परिवार |
महिलाये मेहँदी
रचाती है निज हाथ |
चूड़ियों की सुनी
जाती है झंकार |
श्रावण मास का यह
प्रथम त्यौहार|
ख़ुशियों का लता
है पारावार |
तीज में गौरी
माता पूजी जाती है हर घर द्वार
देती है सबको
आशीर्वाद भरती है सबके भण्डार |
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