जलाओ
दिए पर रहे ध्यान इतना ,किसी के भी घर में अँधेरा रह
न पाये |
सभी
के दिलो में रहे रौशनी घरो में सभी के बढ़े सदा ख़ुशी नई नई |
उजाला
करो तुम जहाँ जिस तरफ ,उसी रौशनी में जिए जिंदगी |
बढ़ते
रहो तुम डगर लौ की लेकर ,जो कराये तुम्हे जिंदगी का
सुहाना सफर |
दिलों
में सभी के पनपती रहे रौशनी ,उसी रौशनी में थिरकती रहे जिंदगी |
उजालों
को पाकर सदा सँवरती रहे ,सबके मनो की इच्छा फलती रहे |
उजालों
की रौशनी में बढ़ती रहे ,खुश नुमा जिंदगी यूँही
गुरजती रहे |
मन
की तरंगो को मिले रास्ता ,उजालों को पाकर तय करे फासला |
उजालों
से भंडार भरते रहे ,अपनी अपनी इच्छाएँ भी पूरी
करते रहे |
बदलेंगे
हम सब मिलकर पुरानी धारणाये ,तभी पूर्ण होंगी सभी कामनायें |
दूर
हो जाएँगी जीवन की सभी वर्जनाएं ,यही है हमारे दिलों की भावनायें |
सोची
है हमने सबकी भलाई ,हमारे दिलों में सदा से रही
है सच्चाई |
मत
करो उजालों से तुम बेवफाई ,जीवन में ये ही हैं तुम्हारे
सच्चे सहाई |
सदा
अंधेरों के बाद ही होता है सबेरा ,तभी बस पाता है जीवन का
बसेरा |
कभी
भी तुम अंधेरों से मत घबराओ ,जरा देर अंधेरो में भी अपने को रख पाओ |
तभी
हो पायेगा तुम्हारा जीवन सार्थक ,यही पहुचायेगा तुम्हे तुम्हारी मंजिल तक |
अगर
तुम अंधेरो से रहोगे दूर दूर ,तो जीवन में कैसे पा सकोगे उजालों का सरूर |
उजालों
को पाकर कभी मदहोश न होना ,संभल कर ही रहना अपने होश न
खोना |
वार्ना
उजाले भी अँधरो में बदल जायेंगे ,दिलों की धड़कन भी साथ ले जायेंगे |
राहे
कठिन जरूर है पर तुम मत घबराना ,उजालों के संग संग ही आगे ही आगे बढ़ते रहना |
तभी
सवाँर पाओगे तुम अपने जीवन की आशा ,समझेंगे सब तुम्हारे मन की भाषा |
दूर
कर पाओगे अपने मन की निराशा, जला कर दिए पूर्ण होंगी तुम्हारी सारी अभिलाषा |
सवारों
उजालों से अपनी जिंदगानी ,पतझर में भी लहलहाएगी
तुम्हारी जिंदगानी |
उजालों
के बिना नहीं आ पाती है जीवन में कभी बहार ,जिंदगी भर करते रहोगे ख़ुशी का इंतजार |
कवि
कहता है जलाओ दिए तुम सदा जिंदगी में ,उजाला ही उजाला रहेगा सरजमी में |
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