हिंदी है भारत की
भाषा ,हम सबके जीवन की आशा |
सब भाषाओँ की यह
जननी ,पूरी करती है सबकी
अभिलाषा |
सभी भाषाएँ इसके
बिना अपूर्ण ,यही तो है अपने
में समूर्ण |
सभी समझते है
इसका अर्थ ,नहीं करते अपना समय
व्यर्थ |
सूर और तुलसी की
बानी ,हमारी हिंदी है गुणो की
खानी |
गुणी करते इसका
गुणगान ,हिंदी हैहमारे
राष्ट्र की शान
पूरे होते सबके
अरमान ,दिलाते सबको सामान सम्मान
|
हिंदी भाषा में
है गहराई ,लिखते कवि इसमें रुबाई |
लेखको की इसमें
सच्चाई ,करते है कवि हिंदी में
खूब कविताई |
यही हमारा स्वाभिमान है यही हमारी आन बान और शान है
|
इस भाषा में
भारतेंदु जी ने लिखना सिखलाया |
चन्द्रकान्ता
संतति ने पढ़ना बतलाया |
इसे सूर और तुलसी
ने अपनाया ,विद्यापति ने सबको समझाया
|
मीरा और कबीर ने
इस भाषा में गाया, जन जन तक अपना
सन्देश पहुँचाया |
यह भाषा जीना
सिखलाती ,सबके मन को है यह भाती |
सब भाषाएँ है
इसकी ही जाती ,हिंदी है हम सबकी
थाती |
हिंदी में तुलसी
ने की सेवकाई ,कबीर ने की है
गुरुआई |
विद्यापति की है
यह पुरवाई ,चंदरबरदाई की इसमें गहराई
|
हिंदी भाषा
में भूषण का है ओज़ जयशंकर का है जयघोष |
दिनकर जी का
अप्रतिम ओज़ ,निराला जी का
प्राकृतिक सोच |
गुप्त जी ने
दर्शाई महिलाओं की दशा ,महादेवी जी ने
लिखी नारी की व्यथा |
सुभद्रा जी ने
सुनाई रानी झाँसी की कथा ,दर्शाई कवियों ने
समाज की व्यवस्था |
आओ हिंदी के गुण
गाये ,उसे उचाईयों तक पहुंचाए |
अपनी भाषा को
समृद्ध बनाये ,उसे सरकारी काम
काज में लाएं |
हम राष्ट्र गान
हिंदी में गाते ,राष्ट्रीय पर्वो
पर तिरंगा लहराते |
जन जन में
स्फूर्ति भर लाते ,हिंदी का सब मान
बढ़ाते |
हिंदी सब प्रांतो
में है बोली जाती , दशहरा, दीवाली ,होली गाती |
जन मानस में
चेतना भर जाती ,बड़ी सरलता से सबको
समझ में आती |
आओ हिंदी को हम
राज काज में अपनाएं, इसे विश्व में
सम्मान दिलाएं |
हिंदी में विश्व
भर के साहित्य का अनुवाद कराये |
अच्छे अच्छे
ग्रंथो को पढ़ने व लिखने के प्रति लोगो की रूचि जगाएं |
हम सब हिंदी में
ही बोलें ,अपने मन की कुंठा खोलें |
भाषाओ के बैर भाव
से रहे दूर ,तभी होगी हमारी
हिंदी विश्व में मशहूर |
हिंदी के प्रति
प्रेम दिखाएँ अपनी अपनी बोली को भी अपनाये |
लेखन की प्रतिभा
दर्शाए आओ अपनी हिंदी को विश्व की भाषा बनाएं |
हिंदी भारत में
राजभाषा कहलाती ,सभी भाषाओ की
पुस्तको का अनुवाद कराती |
इसका नहीं किसी
भी भाषा से बैर , दक्षिण की भाषाएँ
नहीं है हिंदी के लिए गैर |
आओ हिंदी की जय
बोलें ,इस भाषा को मन से तोले |
अपनी मातृ भाषा
की महत्ता को पहिचाने ,हम सब हिंदी के
गुण को जाने |
कवि लेखकों व
साहित्यकारों को सम्मान दिलाये ,हिंदी पखवाड़ा
मनाएं |
हिंदी में
बोलेंगे जब सब शुद्ध ,साहित्य होगा
विश्व में प्रसिद्ध व समृद्ध |
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