शुक्रवार, 5 सितंबर 2014

शिक्षक

                       
हम शिक्षक हैं सबको राह दिखाते हैं ,पर स्वयं राह क्यों भूल जाते हैं |
हमारा भी कभी हुकुम चलता था ,जब गुरुकुल हुवा करता था |
आज क्या हो गई हैं शिक्षक की दशा ,उससे तो अविभावकों को नहीं हैं कोई आशा |
आज के शिक्षक तो तो पाठ्यक्रम भी पूरा नहीं करा पाते हैं |
बस टूशन पढ़ने के लिए अपने घर में बुलाते रहते हैं
 क्या होगा इस भारत देश का ,हमारे इस शैक्षिक परिवेश का |
जहाँ गुरुओं की ही महिमा गाई जाती थी ,पर आज नहीं रह  गई वैसी थाती |
आज शिक्षक भी अपने को बड़ा असहाय सा समझता हैं |
अपनी लाचारी भी तो किसी से कह भी नहीं पता हैं |
क्या आपने किसी शिक्षक की आप बीती सुनी हैं |
यद्यपि शिक्षक तू  महान हैं ,सम्पूर्ण गुंणो की खान हैं |
जो शिक्षक जीवन में करता हैं संघर्ष , वही बन पाता हैं छात्रों का आदर्श |
तुम ही तो हो छात्रों के एक मात्र मार्ग दर्शक |
मत देखो छात्रों की दशा बन मूक दर्शक |
तुम्हारे ऊपर तो देश की जिम्मेदारी हैं |
समाज को बनाने व संवारने की तुम्हारी भी तो बारी हैं|
छात्रों को योग्य बनाने की भी करनी तुमने तैयारी हैं |
तुम्हारी ही ओर देख रही दुनिया सारी हैं |
आओ आगे बढ़ कर अपना कर्तव्य करो पूरा |
तभी हो पायेगा देश का काम पूरा
तुम्हारी ओर देख रहा जग सारा |
आने वाले भविष्य के तुम हो निर्माता |
शिक्षक ही नहीं तुम तो हो छात्रों के भाग्य विधाता |
                            

बुधवार, 3 सितंबर 2014

हिंदी

                         
हिंदी है भारत की भाषा ,हम सबके जीवन की आशा |
सब भाषाओँ की यह जननी ,पूरी करती है सबकी अभिलाषा |
यह तो गरिमामय पूर्ण ,दैवीय आभा से परिपूर्ण |
सभी भाषाएँ इसके बिना अपूर्ण ,यही तो है अपने में समूर्ण |
सभी समझते है इसका अर्थ ,नहीं करते अपना समय व्यर्थ |
सूर और तुलसी की बानी ,हमारी हिंदी है गुणो की खानी |
गुणी करते इसका गुणगान ,हिंदी  हैहमारे   राष्ट्र की शान
पूरे होते सबके अरमान ,दिलाते सबको सामान सम्मान |
हिंदी भाषा में है गहराई ,लिखते कवि इसमें रुबाई |
लेखको की इसमें सच्चाई ,करते है कवि हिंदी में खूब कविताई |
हिंदी भारत देश का सम्मान है ,हम सब भारतीयों का अभिमान है |
यही  हमारा स्वाभिमान है यही हमारी आन बान और शान है |

इस भाषा में भारतेंदु जी ने लिखना सिखलाया |
चन्द्रकान्ता संतति ने पढ़ना बतलाया |
इसे सूर और तुलसी ने अपनाया ,विद्यापति ने सबको समझाया |
मीरा और कबीर ने इस भाषा में गाया, जन जन तक अपना सन्देश पहुँचाया |
गुरु की महिमा को बतलाया ,मानव को गोविन्द तक पहुँचाया |
यह भाषा जीना सिखलाती ,सबके मन को है यह भाती |
सब भाषाएँ है इसकी ही जाती ,हिंदी है हम सबकी थाती |
हिंदी में तुलसी ने की सेवकाई ,कबीर ने की है गुरुआई |
विद्यापति की है यह पुरवाई ,चंदरबरदाई की इसमें गहराई |
हिंदी भाषा में  भूषण का है ओज़ जयशंकर का है जयघोष |
दिनकर जी का अप्रतिम ओज़ ,निराला जी का प्राकृतिक सोच |
गुप्त जी ने दर्शाई महिलाओं की दशा ,महादेवी जी ने लिखी नारी की व्यथा |
सुभद्रा जी ने सुनाई रानी झाँसी की कथा ,दर्शाई कवियों ने समाज की व्यवस्था |
आओ हिंदी के गुण गाये ,उसे उचाईयों तक पहुंचाए |
अपनी भाषा को समृद्ध बनाये ,उसे सरकारी काम काज में लाएं |
हम राष्ट्र गान हिंदी में गाते ,राष्ट्रीय पर्वो पर तिरंगा लहराते |
जन जन में स्फूर्ति भर लाते ,हिंदी का सब मान बढ़ाते  |
हिंदी सब प्रांतो में है बोली जाती , दशहरादीवाली ,होली गाती |
जन मानस में चेतना भर जाती ,बड़ी सरलता से सबको समझ में आती |
आओ हिंदी को हम राज काज में अपनाएं, इसे विश्व में सम्मान दिलाएं |
हिंदी में विश्व भर के साहित्य का अनुवाद कराये |
अच्छे अच्छे ग्रंथो को पढ़ने व लिखने के प्रति लोगो की रूचि जगाएं |
हम सब हिंदी में ही बोलें ,अपने मन की कुंठा खोलें |
भाषाओ के बैर भाव से रहे दूर ,तभी होगी हमारी हिंदी विश्व में मशहूर |
हिंदी के प्रति प्रेम दिखाएँ अपनी अपनी बोली को भी अपनाये |
लेखन की प्रतिभा दर्शाए आओ अपनी हिंदी को विश्व की भाषा बनाएं |
हिंदी भारत में राजभाषा कहलाती ,सभी भाषाओ की पुस्तको का अनुवाद कराती |
इसका नहीं किसी भी भाषा से बैर , दक्षिण की भाषाएँ नहीं है हिंदी के लिए गैर |
आओ हिंदी की जय बोलें ,इस भाषा को मन से तोले |
अपनी मातृ भाषा की महत्ता को पहिचाने ,हम सब हिंदी के गुण को जाने |
कवि लेखकों व साहित्यकारों को सम्मान दिलाये ,हिंदी पखवाड़ा मनाएं |
हिंदी में बोलेंगे जब सब शुद्ध ,साहित्य होगा विश्व में प्रसिद्ध व समृद्ध |