चक बंदी के प्रणेता श्री गणेश "गरीब " जी को जन्म दिवस की बहुत
बहुत बधाई |
" सबसे सवाल है "
उत्तरा खंड की राजनीति के अनेकों सवाल हैं ,चक बंदी आंदोलन
के लिए आपका क्या ख्याल है |
क्यों कर रहा शासन तंत्र अनोखा धमाल है ,हर किसान के मन
में आज यही मलाल है |
सब सोच रहे थे उत्तराखंड अब बन गया ,हमें भी मिल
पायेगा पुरखों का आशीर्वाद है |
पर किसानों के मन में तो भरा अवसाद है ,क्या गरीब जी के
अभियान का मिल पायेगा उन्हें प्रसाद है |
सारे किसान ढूंढ़ते ही रहे जो उन्हें नहीं मिल सका ,क्यों कि बांटा
ही यहाँ बे हिसाब था |
जो कुछ भी मिला उन्हें शायद यही उनके नाम था ,राजनीति करना तो
नेताओं का काम था |
आज देव भूमि चौराहों का खेल बन गयी ,विचारों व वायदों
को सेल कर गयी |
किसानों के अरमानों को तो दलों में दल गयी ,आम आदमी कि
भावनाओं को भी छल गयी |
यह तो उत्तराखंड के किसानों का कमाल है ,जो अब तक झेल
रहें शासन का जमाल हैं |
पर पहाड़ के किसानों का तो बुरा हाल है ,क्या नेताओं को
इस बात का जरा भी ख्याल है |
हम देख सुन कर भी चुप ही थे अभी ,न हो पाये वे
सपने पूरे जोकिसानों देखे थे कभी |
गरीब तो इस देश में गरीबी कि रेखा से नीचे हो गए ,माफियों ने
उन्हीं के दम पर अपने महल खड़े किये |
पहाड़ को बचाना हमारा भी तो फर्ज है ,किसानो को
प्रगिति कि राह दिखाना ही हमारी अर्ज है |
आँखे गढ़ाए बैठें हैं दो दो पडोसी दुश्मन यही तो मर्ज है ,चक बंदी को पहाड़ में लागु करना ही हमारी गर्ज है |
हमारा देश सोने कि चिडया कहलाता था कभी, आज बे शुमार
कर्जे में दुबे हैं हम सभी |
हम तो सोच ही रहें हैं जरा आप भी सोचिये ,कैसे लागु
करेंपहाड़ में चकबंदी को मिल कर तो बैठिये |